Operating system
क्या आपको पता है ।की ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है अगर आपको नही पता तो हम है। ना आज हम बात करेंगे की ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है। चलिए एक उदाहरण की मदद से समझते है । जैसे एक इंसान के पास शरीर और आत्मा होती है उसी तरह computer या laptop के पास भी Operating System(OS) होता है|. जैसे हम बिना आत्मा के केवल एक मूर्ति है उसी तरह बिना OS के कम्प्यूटर एक ढबा है। जब भी आप मोबाईल या कम्प्यूटर इस्तेमाल करते हो तो बोलते रहते हो Android , Windows, Mac ,linux(what is linux full information) इत्यादि ये सभी Operating System के नाम है। आप परिभाषा के तौर पर कह सकते है की OS एक प्रकार का Interface होता है। जो User और Computer के Hardware के बीच सम्बंध स्थापित करता है। OS एक प्रकार का सोफ्टवेयर होता है सीधी भाषा मै कहे तो Operating SystemComputer को चलाने का एक ज़रिया है
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Operating System |
जैसे आप विडीयो देखते हो तो VLC के ऊपर डब्बल क्लिक करते हो और विडीयो चलने लगता है। पर आप तो key board में कुछ लिखा ही नही और तीन चार windows खोलते हो file कापी करके पेस्ट करते हो ये सब आप बिना OS के कर नही सकते हो।
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Types Of Operating
अलग-अलग कार्य के लिए अलग -अलग Operating सिस्टम का उपयोग किया जाता है। उनमे से कुछ प्रचलित operating सिस्टम है।
1. MICROSOFT WINDOWS.
2. IOS.
4. Mac OS.
5. Linux.
6. MS-DOS
ऐसे ही बहुत सारे OS होते है| किंतु यह कुछ ज़्यादा ही प्रस्सीध है ।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य -
ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर के रिसोसेज के आधार पर तो कम्प्यूटर हज़ारों काम करता है।सबसे पहले जब कम्प्यूटर चालू होता है। तब os सबसे पहले मुख्य मेमोरी में मतलब RAM मै load होता है।और उसके बाद उपभोगता को कौन सा सोफ्टवेयर हार्डवेयर चाहिए उन सब को Allocate करता है। नीचे OS के अलग-अलग कार्य और उनके बारे में विस्तार से बताए गये है।
1 . Memory Management (स्मृति प्रबंधक)-
स्मृति प्रबंधक का मतलब Primary Memory (प्राथमिक मेमोरी ) Secandry Memory ( माध्यमिक स्मृति) को ब्यवस्थित करता है main memory ( मुख्य मेमोरी ) का मतलब मेमोरी बहुत सारे खाँचे होते है जहाँ हम अपनी डेटा को रख सकते है। यहा हर खाचे में एक Addrees होता है। main memory सबसे देर तक चलाने वाला मेमोरी होता है। इसका उपयोग cpu स्वयं करता है cpu जितने भी program को चलता है वह सबसे main मेमरी में ही होता है। operating system कुछ इस प्रकार कार्य करता है। -
1. Ram का कौन सा हिस्सा इस्तेमाल होगा।कितना होगा, कितना नही होगा ।
2. Multiprocessing में ऑपरेटिंग सिस्टम निर्णय करता है।है कि Ram का कितना-2 हिस्शा दिया जाएगा।
3. जब प्रक्रिया जगह माँगती है तो OS उसे कुछ जगह दे देता है फिर जब काम हो जाता है। तब फिर से जगह ले लेता है।
2. Processor Management
जब हम अपने Computer में Multiple सोफ्टवेयर का उपयोग करते है। तब ऑपरेटिंग सिस्टम निर्णय लेता है कि किस सोफ्टवेयर को कितना Ram दिया जाये और कितने समय के लिए दिया जाए। इसे कहते है Processor Management जब एक प्रोसेस का कार्य पूरा हो जाता है। तो वो Processor को दूसरे काम में लगता है। और कुछ काम नही होने पर Processor को फ़्री कर देता है ।
3.Device Management -
आप कम्प्यूटर में sound, bluetooth, graafics, wifi आदि चलाते है।जैसे आप कह सकते है। sound, drive, bluetooth, driver etc। लेकिन ये अलग -2 INPUT /OUTPUT drivers को चलाने मदद करते है। इन सब drivers को ओपेरतिंग सिस्टम चलता है।
सभी कम्प्यूटर Divces करता है और ये सब जो करवाता है उसका नाम है Input/Output Controllor
अगर आप कम्प्यूटर से कुछ ऐसा काम काम करवाते हो जो उसे output device की सहायता से करना हो ।
जैसे -print निकालना, video play दोनो process को कब देना ये काम भी operating system करता है।
जब प्रोसेस का कार्य पूरा हो जाता है उसे वापस dalocate कर देता है।
4. File management -
चलिए पता करते है की OS का file management में क्या भूमिका निभाता है।
सूचना जानकारी location स्थिति संग्रहित करके रखता है। ये सब ऑपरेटिंग सिस्टम करता है ।
कौन-सा resourses allowcated करना है।
कौन-सा resourses de-located करना है।
5 Security -
आप अपने कम्प्यूटर को जब आन करते है तो वो आपस पासवर्ड माँगता है। मतलब की OS आपके कम्प्यूटर को अनौथेंटिक लिकटेड से रोकता है मतलब OS आपके कम्प्यूटर की सुरक्षा है। और कुछ भी बिना पासवर्ड के ओपेन नही होने देता है।
6 System performance देखना -
यह कम्प्यूटर के Performs को देखता है। और आपरेटिंग सिस्टम को improve करता है। आपरेटिंग सिस्टम एक सर्विस देने में कितना समय लगता है।ये रिकार्ड करता है।
7 Error बताना -
अगर आप बहुत सारे Error आते है,तो उनको ऑपरेटिंग सिस्टम Detect करता है।
8 Softwere और Hardwere के बीच ताल- मेल बनाना -
Compiler , interpretar और assemble को task assign करता है।अलग-अलग software को यूज़र के साथ जोड़ता है। , जिससे यूज़र software को अछे से इस्तेमाल करता है।
यूज़र और सिस्टम के बीच कम्यूनिकेशन प्रदान करता है।
OS BIOS में स्टोर होके रहता है।बाक़ी सब ऐप्लिकेशन को यूज़र फ़्रेंडली बनाता है।
Operating system की विशेषताए -
- एक ऑपरेटिंग सिस्टम में बहुत सारे प्रोग्रामों का कलेक्शन होता है जो दूसरे प्रोग्रामों को चलाता है ।
- यह सारे input/ output डिवाइस को कंट्रोल करता है।सारे दिए गए ऐप्लिकेशन softwere लो रन करने का दायित्व ऑपरेटिंग सिस्टम का होता है।
- OS में हो रहे Error और ख़तरे से हमारे सिस्टम को बचाता है।
अब तक आपको पता चल गया हो कि ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है।
अब हम जानेगे की OS कितने प्रकार का होता है -
1 Batch Operating system
2 Simple Batch Operating system
3 Multiprogramming Batch Operating system
4 Network Operating system
5 Multiprocessor Operating system
6 Distributed Operating system